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प्रेगनेंसी में उलटी को कैसे रोके : प्रेगनेंसी में उलटी होने के मायने | Vomiting and Morning Sickness in Pregnancy

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प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में उल्टी होना बहुत ही ज्यादा सामान्य बात होती है(pregnancy me ulti ko kaise roke)। वास्तव में यह लक्षण बताता है की आप प्रेग्नेंट हैं।यह दर्शाता है की आपकी प्रेगनेंसी एकदम सही चल रही है। परन्तु उल्टियां का लगातार बना रहना, बहुत ज्यादा होना, 4 महीने के बाद भी होना थोड़ा चिंता विषय हो सकता है। अगर प्रेगनेंसी की थर्ड ट्राइमेस्टर में है या फिर सेकंड ट्राइमेस्टर में आपको उल्टी होती है तो ये थोड़ी सी चिंता की बात हो जाती है।

क्यों होती है प्रेगनेंसी में उलटी होना

आपको ये जानना बहुत ज्यादा जरूरी है की आपको इस दौरान उल्टी क्यों हो रही है (pregnancy me ulti kyu hoti hai) ? क्या ये नॉर्मल है? कोई घबराने की बात तो नहीं हैं?  तो चलिए जानते हैं प्रेगनेंसी में उलटी होने के कारण और कैसे इनसे बचाव हो सकता है।

आपको बिल्कुल भी घबराना नहीं है(pregnancy me ulti hona kiska lakshan hai)। हो सकता है ये एक सामान्य बात हो तो कुछ लक्षण ऐसे हो सकते हैं जिसकी वजह से आपको उल्टी का सामना करना पड़ सकता है। 

प्रेगनेंसी में सीने में जलन / एसिडिटी

इसमें सबसे पहले चीज़ है प्रेगनेंसी में सीने में जलन और एसिड का बनना (pregnancy me seene me jalan) । गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण जब पेट में बनने वाला एसिड आपके इसोफेगस(esophagus) यानी की ग्रासनली (food pipe ) की तरफ वापस आने लग जाता है। इसी की वजह से जो है इस दौरान सीने में जलन, उल्टी की समस्या हो जाती है।

प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस

इसके अलावा मॉर्निंग सिकनेस की प्रॉब्लम है (pregnancy me ji michlana)। प्रेगनेंसी में होर्मोनेस में बदलाव के कारण कई महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से जूझना पड़ता है। मॉर्निंग सिकनेस एक विशेष हार्मोन के कारण होता है।

जीडीएफ 15 (GDF -15 ) यानी ग्रोथ डिफरेंशियल फैक्टर 15 (Growth Differentiation Factor 15 ) और इस हार्मोन के कारण आपको उल्टी जैसा महसूस होता है और मॉर्निंग सिकनेस भी होती है।

प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर बढ़ना

प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) एक जटिल समस्या होती है। इसमें आपका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है (high BP during pregnancy)। इसके कारण भी आपको कई बार उल्टी की समस्या हो सकती है और ये जटिल समस्या बच्चे पर ज्यादा अधिक प्रभाव डालती है। हालांकि उल्टी होना प्रीक्लेम्पसिया का एक ऐसा लक्षण होता है जो कि काफी बाद में आपको दिखाई देता है।

तो ये कुछ कारण है कि जिसकी वजह से आपको गर्भावस्था के तीसरी तिमाही (third trimester)में भी उल्टी की शिकायत हो सकती है।

प्रेगनेंसी में उलटी को कैसे रोके

अब इससे बचना कैसे हैं ये जानना बहुत ज्यादा जरूरी है। इसके लिए सबसे अच्छा होगा कि आप इस दौरान भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करिए । डिहाइड्रेशन की समस्या आपको इस दौरान बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए (pregnancy me ulti ko rokne ke upay)। इसके अलावा आप फ्रूट जूस वगैरह पीएंगे तो भी इससे आपको काफी हद तक उल्टी में आराम मिलेगा।

प्रेगनेंसी में निम्बू पानी

अगर आपसे बहुत ज़्यादा पानी नहीं पिया जाता है तो पानी में आप आधा नींबू निचोड़कर, एक चुटकी काला नमक और चुटकी भर जीरा पाउडर डालकर पानी को पीजिए तो इससे आपको आराम मिलेगा और इससे आप अच्छे से पानी का सेवन कर सकती है।

प्रेगनेंसी में कितना भोजन खाएं

दूसरी बात जिसका आपको ध्यान रखना है वो ये है की आपको थोड़ा थोड़ा आहार लेना है। यानी की अगर आप तीन टाइम पे डाइट लेते हैं तो आप इसको तीन की जगह छह डाइट में विभाजित कर लीजिये । खाने को कम कम खाये लेकिन चबाकर-2 खाएं।

कम कम अंतराल में आप भोजन करेंगे तो इससे आपका भोजन अच्छे से पच जाएगा और आपको अपच की समस्या भी नहीं होगी। 

आपका खाना बिल्कुल हेल्थी होना चाहिए और ताजा होना चाहिए। घर का बना, कम तेल, कम मसाले वाला खाना खाएं और बाहर का खाना को अवॉयड करें। इस दौरान बासी भोजन को बिल्कुल भी सेवन में ना लें क्योंकि गर्भवती महिलाओं का इम्यून सिस्टम बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है। इस वजह से उल्टी की समस्या हो सकती है और साथ ही आपके पेट में किसी भी तरीके का इन्फेक्शन आपको हो सकता है।

प्रेगनेंसी में आराम करना

खाना खाने के तुरंत बाद लेटें नहीं। आपको इसके बाद कम से कम 15 से लेके 20 मिनट तक वॉक करनी चाहिए। धीरे धीरे घर के अंदर, घर के आंगन में घूमे तो इससे आपका भोजन भी पच जाता है। अगर आप डायरेक्ट लेट जाती है तो आपका खाना डायरेक्ट ऊपर की तरफ पलटने लग जाता है और इससे एसिड तो बनेगा ही साथ ही आपको उल्टी की समस्या भी हो सकती है।

प्रेगनेंसी में चलना फिरना

जितना आप टहलेंगे घूमेंगी उससे गर्भ में आपका बच्चा भी सवस्थ रहेगा और साथ ही आपका भोजन भी अच्छे तरीके से पच जाएगा। सुबह और शाम 2 बार आप कम से कम 30 से 45 मिनट्स की वाकिंग जरूर करें। इसमें ध्यान रहे की आपको आपने डॉक्टर से बीएड रेस्ट की सलाह न दी हो। अगर आपके डॉक्टर ने बेड रेस्ट बोला है तो आपको चलना फिरना नहीं है।

प्रेगनेंसी में कैसे सोएं

यदि आप दिन के समय सोते हैं तो ज्यादा से ज्यादा आप 1 – 2 घंटे की नींद आप ले सकते हैं, लेकिन रात्रि को आप भरपूर नींद दीजिये। आप अपने सोने का टाइम निर्धारित करिए | उठने का टाइम निर्धारित करिये।

दिन भर में आपको न बहुत काम सोना है और न बहुत ज्यादा सोना है। दोनों ही नुकसानदायक है। पूरे दिन में आप 8 से 9 घंटे तक सो सकते हैं (pregnancy me sone ka sahi tareeka)। अगर आप भरपूर नींद नहीं लेते हैं तो इससे आपको मितली और उलटी की समस्या भी होती है।

तो गर्भावस्था के दौरान उल्टी होना बहुत ही ज्यादा नॉर्मल होता है। कोई घबराने की बात नहीं है। आप इन टिप्स को फॉलो करिए। अगर आपको फिर भी लगता है की आपको इनसे राहत नहीं मिली है तो आप अपने डॉक्टर से तुरंत बात करिए क्योंकि बहुत ज्यादा उल्टी होना भी गर्भावस्था में आपके स्वास्थ्य के लिए और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए कहीं न कहीं घबराने की बात हो सकती है।

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