शिशु को ब्रैस्ट फीडिंग कराने के फायदे और सावधानियां | Benefits of breast feeding to mother and baby
मां का दूध शिशु के लिए अमृत्तुल्य
मां का दूध शिशु के लिए अमृत्तुल्य होता है माँ को कम से कम 6 महीने तक और ज्यादा से ज्यादा 2 साल तक शिशु को अपना दूध अवश्य पिलाना चाहिए, अगर आप अपने शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराती है तो इसके बहुत अच्छे फायदे आपके शिशु के साथ साथ आपको भी मिलते है।
शिशु को ब्रैस्ट फीडिंग कराने के फायदे
- बेस्ट फीडिंग कराने से ना केवल शिशु के इम्युनिटी बढ़ती है बल्कि उसके अच्छे से शारीरिक और मानसिक विकास होता है और इतना ही नहीं उसका वजन अगर डिलीवरी के समय कम हो तो वजन भी काफी अच्छे से बढ़ता है।
- ब्रेस्टफीडिंग करने से महिला के बढे हुए वजन घटाने में मदद मिलती है ब्रेस्टफीडिंग कराने से महिला के शरीर में ज्यादा कैलरी बर्न होती है।
- स्तनपान कराने से बच्चेदानी अपने पहली पोजीशन में और साइज में वापस आने लगती है क्यूंकि स्तनपान करने से ऑक्सीटोसिन हार्मोन सीक्रेट होता है जिसका स्तर अधिक होता है और उसके हाई लेवल के कारण बच्चेदानी कॉन्ट्रैक्ट होती है।
- स्तनपान करने से बच्चेदानी कॉन्ट्रैक्ट होती है और ऐसे में डिलीवरी के बाद होने वाला ब्लीडिंग कम होने में मदद मिलती है।
- ब्रेस्टफीडिंग कराने से कैंसर जैसे बड़ी बीमारी होने का खतरा भी कम होता है।
ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय बहुत सावधानियां आपको बरतनी है कुछ बातों का विशेष ध्यान आपको रखना है, कौन-कौन सी बातों का ध्यान आपको रखना है चलिए जानते हैं।
ब्रेस्टफीडिंग की सावधानियां
- स्तनपान करवाने से पहले और बाद में आपको स्तनों को अच्छे से साफ कर लेना है जिससे शिशु को इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है
- स्तन पान करते हुए आपके स्तन का वजन बच्चे की नाक पर ना पड़े इस बात का जरूरी से ध्यान रखें.
- अपने हाथ से आपको स्तन को पकड़कर सपोर्ट देके दो उंगलियों के बीच में बेबी के मुंह में जाए इस तरह से आपको बेबी को फीड करना है ऐसे में बच्चा कम समय में अधिक दूध पी लेता है और उसी कोई तकलीफ भी नहीं होती है।
- शिशु को स्तनपान कराते समय आपको आराम से बैठना है ज्यादा शोरगुल वाले स्थान पर ना बैठे आपका पूरा ध्यान आपके बेबी को फीडिंग के ऊपर रहना चाहिए ताकि शिशु अच्छे से दूध पी पाए।
- शिशु को दूध पीते समय बीच में ही हिचकी आती है या खांसी आती है तो तुरंत आपको दूध पिलानारोक देना चाहिए और फिर 2 से 5 मिनट के बाद वापस से उसे स्तनपान कराना है
- एक बार में शिशु को अपने दोनों स्तनों का दूध बारी बारी पिलाना चाहिए और हर 2 घंटे में मां को दूध शिशु को पिलाना है।
इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो आप आसानी से कम समय में अपने शिशु को गुणवत्ता भरा और ज्यादा से ज्यादा दूध पिला पाएंगे ताकि आगे जाकर आपके शिशु का स्वस्थ्य बेहतर हो।
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