प्रेगनेंसी में जामुन खा सकते हैं क्या | Eating Jamun During Pregnancy
Highlights of Article
प्रेगनेंसी में जामुन खा सकते हैं क्या
प्रेगनेंसी में कुछ भी खाने से पहले आपको इसका बोध होना चाहिए की यह आपके लिए सही है या नहीं है , गर्भ में शिशु के विकास में यह सहायक है या नुकसानदायक।
बात करें अगर जामुन फल के सेवन (Pregnancy me jamun khane ke fayde aur nuksaan) की तो प्रेगनेंसी में आपको इस फल के सेवन से बहुत लाभ मिलते है।
जामुन में पाए जाने वाले प्रमुख पोषक तत्त्व
आयरन , पोटैशियम, मैग्नीशियम , कैल्शियम, विटामिन-A, विटामिन-C, विटामिन-D, विटामिन-K, फास्फोरस, सोडियम, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन , विटामिन-B
प्रेगनेंसी में जामुन खाने के फायदे
1. गर्भकालीन मधुमेह : प्रेगनेंसी में गर्भकालीन मधुमेह यानी की Gestational Diabetes एक आम समस्या है। यह एक अस्थायी समस्या भले ही हो लेकिन इसका निवारण बहुत आवश्यक है। जामुन में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। आपके रक्त में शुगर की मात्रा का नियंत्रण में रहना बहुत जरुरी है। जामुन खाने से इन्सुलिन की लेवल नियंत्रित रहते है और आपको गेस्टशन डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
2. एनीमिया रोग से बचाव : जामुन में प्रचुर मात्रा में आयरन (लोहा ) पाया जाता है। आयरन से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells ) की संख्या में वृद्धि होती है। परिणाम स्वरुप आपको एनीमिया जैसी बिमारी होने का खतरा कम होता है। प्रेगनेंसी में रक्त की मात्रा का अच्छा बना रहना बहुत जरूरी है। जामुन खाने से आपको दोनों फायदे मिलते हैं।
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता : जामुन में एंटीऑक्सिडेंट्स जैसी की विटामिन-सी (विटामिन-C ) प्रचुर मात्रा में होता है जिससे आपकी इम्युनिटी मजबूत बनती है और आपको सर्दी, जुकाम , छोटे मोटे वायरल इन्फेक्शन्स से सुरक्षा मिलती है। विटामिन-C शरीर में आयरन को अवशोषित करने का कार्य भी करता है जिससे रक्त में हीमोग्लोबिन का लेवल (Hb Level ) सही बना रहता है और खून की कमी नहीं होती है।
4. दांतो की सुरक्षा : जामुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे आपको दांतो की समस्या, जो की प्रेगनेंसी में आम बात होती है , में भी फायदा मिलता है।
5. कमजोरी और तनाव : प्रेगनेंसी में बहुत जल्दी थकना, तनाव में आ जाना आम समस्या होती है। इनके बहुत सारे कारण होते है। जामुन में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पोटैशियम गर्भवती का शक्ति प्रदान करते हैं और तनाव का स्तर भी कम होता है।
6. रक्त चाप पे नियंत्रण (Blood Pressure Control ) : पोटैशियम की प्रचुर मात्रा जामुन में होती है जिससे गर्भवती का रक्त चाप नियंत्रित रहता है। साथ ही मैं जामुन का सेवन आपके ह्रदय के स्वास्थ के लिए भी बहुत उत्तम है।
7. कब्ज में फायदेमंद : जामुन में फाइबर की मात्रा बहुत अच्छी पायी जाती है जिससे आपको कब्ज की समस्या नहीं होती है। अन्य पेट के विकार जैसे की गैस की समस्या , पेट में दर्द , बदहजमी इन सभी समस्याओं में भी आपको फायदा मिलता है।
8. समय से पहले डिलीवरी या प्रसव : जामुन में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होने के कारण इसके सेवन से आपको समय पूर्व संकुचन या प्रसव की संभावना कम होती है। प्रीटर्म लेबर और प्रीटर्म डिलीवरी होने से शिशु को भविष्य में समस्याएँ आ सकती है।
9. गर्भस्त शिशु के लिए फायदेमंद : जामुन के पाए जाने वाले पोषक तत्त्व जैसे की विटामिन-C, विटामिन-D, विटामिन-K, कैल्शियम, पोटैशियम और आयरन गर्भ में शिशु के विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। शिशु की हड्डियों और दांतो के निर्माण और विकास में इनकी बहुत अहम् भागीदारी होती है। जामुन में विटामिन-A प्रचुर मात्रा में होता है जिससे गर्भ में शिशु की आँखों की ज्योति तेज होती है।
प्रेगनेंसी में कितने जामुन खाएं :
प्रेगनेंसी में बहुत अधिक आपको कुछ भी नहीं खाना चाहिए। आप 8 से 10 जामुन एक दिन में खाएं। इससे अधिक आपको नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था हर महिला के लिए अलग अनुभव होता है , जामुन खाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।
प्रेगनेंसी में जामुन खाने के नुक्सान
1. शुगर लेवल को कम करता है : बहुत अधिक जामुन के सेवन से आपका ब्लड शुगर लेवल जरुरत से भी कम हो सकता है जिससे आपको चक्कर आना , बेहोश होना , कमजोरी आना जैसे समस्याएं आ सकती है। यदि आपका शुगर लेवल पहले से ही कम रहता है तो आप जामुन का सेवन न करें। सामान्य स्तिथि में जैसा बताया गया है ८ से १० जामुन खाना पर्याप्त है।
2. पथरी : यदि आपको पथरी(Kidney Stones ) की शिकायत है तो आप जामुन का सेवन न करें इससे आपकी यह समस्या और बढ़ सकती है।
3. बलगम की समस्या : अधिक जामुन खाने से बलगम की समस्या हो सकती है, पेट और शरीर में दर्द , बुखार और खांसी की समस्या हो सकती है।
4. पेट में गैस : बहुत अधिक जामुन के सेवन से पेट में अकड़न और गैस की समस्या हो सकती है। जामुन के फाइबर की प्रचुर मात्रा होने के कारण , अधिक मात्रा में खाने से आपको दस्त भी लग सकते हैं।
5. बार बार पेशाब आना : जामुन में मूत्र वर्धक (डाई-उरेटिक/di-uertic ) गुण होते हैं। अधिक मात्रा में जामुन खाने से आपको बार बार पेशाब जाना पड़ सकता है जिससे सोते समय आपने नींद टूट जाती है जिससे आपको अन्य परेशानिया हो सकती है।
प्रेगनेंसी में जामुन खाने को लेकर सावधानियां
1. जामुन सिमित मात्रा में खाएं – 8 से 10 जामुन पर्याप्त हैं।
2. खाली पेट जामुन बिलकुल न करें।
3. जामुन खाने के १ घंटे बाद तक दूध न पिएं।
4. जामुन में छेद हो या पिचके हुए हो तो ऐसे जामुन न खाएं।
5. जामुन खाने से अगर एलर्जी हो तो तुरंत जामुन का सेवन बंद कर दें।
6. जामुन खाने से पहले अपने डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें।
मिथक या सच ? जामुन खाने से गर्भ में शिशु का रंग काला होना
जामुन खाने से माना जाता है कि गर्भ में शिशु की त्वचा काली हो जाती है या उसमे काले धब्बे पड़ जातें हैं। यह सिर्फ कही सुनी बातों के अलावा और कुछ नहीं है क्यूंकि इस कथन का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं ह
प्रेगनेंसी में जामुन खा सकते हैं क्या, eating jamun during pregnancy, is it ok to eat jamun during pregnancy, pregnancy me jamun khana chahiye ya nahi, pregnancy me jamun khaane ke fayde