गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को प्राइवेट पार्ट (योनि) में दर्द होना – किसका संकेत

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योनि में दर्द क्या सामान्य है

गर्भावस्था के दौरान आपको जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनमें से ज्यादातर आम हैं। यदि आप शारीरिक समस्याओं या आंतरिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आप घबरा जाती हैं। लेकिन इससे होने वाली 90% समस्याएं दूसरी गर्भवती महिलाओं को भी होती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हॉर्मोनल चेंज होता है।

गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को प्राइवेट पार्ट (योनि) में दर्द होता है और उन्हें काफी घबराहट भी महसूस होती है। क्योंकि यह स्थान ऐसा है जहां संक्रमण आदि का भय बना रहता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरे में डाल सकता है। अगर आपको भी प्राइवेट पार्ट में दर्द हो रहा है तो इसके क्या कारण हैं, क्या यह सामान्य है या फिर यह चिंता का विषय है।

त्वचा रूखी होना

गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण आपके प्राइवेट पार्ट में खुश्की इतनी बढ़ जाती है कि इससे आपके प्राइवेट पार्ट में काफी दर्द होने लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसी स्थिति हो रही है तो आपको रिलेशन बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए। इस दौरान आपको संबंध बनाने से बचना चाहिए। अगर आपको यह दर्द हो रहा है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन

दूसरा क्या होता है कि अगर आप गर्भावस्था के दौरान साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखती हैं तो इससे आपके प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। और धीरे-धीरे यह संक्रमण आपको आपके प्राइवेट पार्ट के आसपास के हिस्सों में भी दर्द देने लगता है। गर्भावस्था के दौरान भी यह बहुत आम है, इसलिए आपको स्वच्छता बनाए रखनी होगी। साफ-सफाई का ठीक से ध्यान रखना होता है ताकि किसी भी तरह का इंफेक्शन आपके गर्भ में पल रहे बच्चे तक न पहुंच पाए।

मांसपेशियों पर दबाव

तीसरी बात दोस्तों क्या होता है कि जब भ्रूण का विकास हो रहा होता है तो लिगामेंट बच्चे को श्रोणि में समायोजित करने का काम करता है। जिस वजह से आपके प्राइवेट पार्ट के अगल-बगल की मांसपेशियों पर दबाव पड़ना और खिंचाव होना शुरू हो जाता है। ऐसे में आपको योग और व्यायाम का सहारा लेना होगा। जो आपकी मांसपेशियों में लचीलापन लाने में सहायक होगा और जिससे मांसपेशियों में तनाव या दबाव होने पर आपको कम से कम दर्द महसूस होता है।

रक्त का संचार में तेजी

चौथी बात यह है कि इस दौरान आपके प्राइवेट पार्ट पर ब्लड सर्कुलेशन ज्यादा होता है। गर्भावस्था के दौरान आपके निजी अंगों में रक्त का संचार सामान्य से लगभग तीन गुना तेजी से होने लगता है, जिससे गर्भाशय पर दबाव पड़ता है। इससे योनि में तेज दर्द और सूजन हो जाती है। ऐसे में आपको काफी संभलकर रहना होगा। कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर काफी संवेदनशील हो जाता है। महिलाओं का शरीर अलग तरह से व्यवहार करने लगता है।

पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स

पांचवां, गर्भावस्था से पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जो गर्भावस्था के दौरान बहुत कम महिलाओं में देखी जाती है। इस स्थिति का कारण यह है कि कभी-कभी आपके श्रोणि क्षेत्र का एक हिस्सा आपकी योनि या आपके मलाशय की ओर ऊपर उठ जाता है। इससे आपके प्राइवेट पार्ट में काफी दर्द होता है। यह स्थिति थोड़ी गंभीर और जटिल है, इसलिए यदि आपको गंभीर, लगातार दर्द हो रहा है, तो तुरंत अपने चिकित्सक को देखें।

अस्थानिक गर्भावस्था

छठा, बहुत दुर्लभ मामलों में, आपको अस्थानिक गर्भावस्था(Ectopic Pregnancy) हो सकती है। शुरुआत में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का पता नहीं चलता है, लेकिन धीरे-धीरे जब आपकी प्रेग्नेंसी को बढ़ना होता है तो आपके प्राइवेट पार्ट में दर्द और ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। तो ऐसे में अगर आपको प्राइवेट पार्ट में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो मुमकिन है कि आपको एक्टोपिक प्रेगनेंसी हो। इसमें आपका भ्रूण गर्भाशय में पलने के बजाय फैलोपियन ट्यूब में ही रह जाता है और वहीं विकसित होने लगता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह काफी घातक हो सकता है। इसीलिए जैसे ही आपको पता चले कि आप गर्भवती हैं, आपको डॉक्टर को दिखाने में देरी नहीं करनी चाहिए।

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