प्रेगनेंसी में आंवला खाना चाहिए या नहीं | Eating Indian Gooseberry During Pregnancy

Share for who you care
Read this article in english

आंवला जो कि एक खट्टा, मीठा और काफी स्वादिष्ट फल होता है।  लेकिन इसमें विटामिन-C  इतनी प्रचुर मात्रा में होता है कि गर्भवती महिलाओं को इसे खाने से पहले इसके बारे में सोचना चाहिए कि क्या ये उनके लिए सुरक्षित है या नहीं है। अगर सुरक्षित है तो किस महीने में सुरक्षित है और किस समय आंवले का सेवन सीमित मात्रा में करना है।

विटामिन-C का भण्डार 

1 आंवला 16 (सोलह) संतरों के बराबर होता है यानी कि सोलह संतरों से जो आपको विटामिन-C  मिलेगा वो आप एक आंवला से ले सकते हैं। अगर आपका पहला तिमाही चल रहा है तो इस दौरान आपको आंवला सीमित मात्रा में खाना है। प्रेगनेंसी के शुरुआती दौर में अगर आप बहुत ज्यादा विटामिन-C  लेंगी यानी कि अगर आप एक दिन में तीन से चार आंवले खाएंगे तो ये आपकी गर्भावस्था को नुकसान पहुंचा सकता है अन्यथा ये आपको फायदे ही फायदे करेगा।

रक्त साफ़ करता है 

आंवले का सेवन करने से आपका ब्लड पप्यूरीफाई होता है, यानि रक्त की शुद्धि होती है। ऐसे में बहुत सारी परेशानियां जो गर्भवती महिलाएं झेल रही होती हैं, उन्हें इसका खतरा कम हो जाता है। ये आपको इस दौरान होने वाली छोटीमोटी एलर्जी या फिर कोई बड़ी एलर्जी से लड़ने में  भी काफी ज्यादा सहायक होता है। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है 

विटामिन-C की भूमिका आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में और रक्त में लोहे को अवशोषित करने की होती है।  प्रेगनेंसी  के दौरान गर्भवती महिलाओं की इम्युनिटी  काफी ज्यादा कमजोर हो जाती है, तो अगर आप आंवला खाएंगी तो आपको सर्दी, जुकाम, जी मचलाना, थकान, उल्टी , मॉर्निंग सिकनेस और एलर्जी इत्यादि की जो समस्या होती है वो कम से कम होती है, तो इस दौरान अगर आप चाहती हैं आप मितली से बचे मॉर्निंग सिकनेस आपको ना हो तो आप ऐसे में सुबह के समय आंवला खा सकती है या फिर आंवले का जूस पी सकती है। 

तुरंत शक्ति और ऊर्जा मिलती है 

आंवले में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं और अगर आपका एनर्जी लेवल बहुत ज्यादा कम हो रहा है, थकान ज्यादा लगती है, तो आंवले का सेवन लाभकारी होता है ये आपकी कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने का काम करता है आपकी सेल्स को एक्टिव करता है जिससे कि आप फिर से एनर्जेटिक हो जाते हैं. 

कब्ज की समस्या में रोकथाम 

प्रेग्नेंट महिलाओं को कब्ज की समस्या भी इस दौरान बन जाती है तो अगर आप आंवले का सेवन करेंगे तो इससे आपकी कब्ज़ की समस्या भी दूर होगी आप सुबह जब मल त्याग को जाएँगी तो आपका पेट एकदम से साफ हो जाता है। 

यूरिन सम्बंधित समस्याएं 

कई महिलाओं को इस दौरान यूरिन इन्फेक्शन हो जाता है और ये आपकी प्रेगनेंसी में बड़ी समस्या पैदा कर सकता है ऐसे में आंवले आपको काफी ज्यादा फायदा दे सकता है। तो आंवले आपके इस तरीके के मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन होते हैं उनको दूर करने का काम करता है आंवला। 

BP कण्ट्रोल करता है 

आपके बीपी को कंट्रोल करने में ये काफी ज्यादा फायदेमंद होता है।कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी की प्रॉब्लम हो जाती है ऐसे में अगर आप आंवला खाती हैं तो ये क्या करता है आपकी जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने का काम करता है जब आपकी रक्त वाहिकाएं चौड़ी होती है तो आपके ब्लड का फ्लो इसमें काफी अच्छे से होता है काफी नॉर्मल तरीके से होता है और ऐसे में आपका बीपीनार्मल  होने लग जाता है। तो जिनको हाई बीपी की शिकायत है वो आंवले का सेवन इस दौरान जरूर करें

हीमोग्लोबिन स्तर ठीक रहता है

आंवले में विटामिन सी आयरन की अब्सॉर्बेंसी के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है तो इससे आपका हीमोग्लोबिन स्तर ठीक रहता है, आपको एनीमिया जैसे रोगों की शिकायत इस दौरान नहीं होती है और तो और दोस्तों अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान सूजन की समस्या हो जाती है हाथ पैरों में अगर आपको सूजन रही है तो आंवले का सेवन आपकी सूजन से लड़ने में काफी ज्यादा मददगार होता है और सूजन की समस्या कम होने लग जाती है।       

डायबिटीज का खतरा काम करेगा 

कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के दूसरे तिमाही में डायबिटीज का खतरा ज्यादा बन जाता है तो इसलिए अगर आप प्रेगनेंसी के शुरुआती दौर से ही आंवले का सेवन करती है तो आंवले के मधुमेह रोधी गुण जो होते हैं आपको डायबिटीज के खतरे से दूर करने का काम करते हैं 

दिन में कितने आंवले 

इस लेख में हम ये भी जान लेते हैं कि आपको गर्भावस्था के दौरान एक दिन में कितने आंवलों का सेवन करना है। अगर आप आंवला कच्चा ही खा लेती हैं लेकिन वो ताजा होना चाहिए तो ये आपको फायदे तभी देगा जब आप इसका सीमित मात्रा में सेवन करती हैं यानी कि एक दिन में आप दो से ज्यादा आंवलों का सेवन ना करें, एक दिन में दो आंवले ही खाएं और हो सके तो एक दिन के अंतराल में ही आप आंवले खाएं। 

सर्दियों के दिन है, तो आपको आंवले का सेवन कम करना है, क्योंकि कई बार इससे गला खराब हो सकता है। खट्टे से कई बार सर्दीखांसी जुकाम भी एकदम से पकड़ लेता है, हालांकि आंवला से मलने वाले एंटीऑक्सीडेंट इम्युनिटी अच्छी करती  है। 

आप चाहें तो आंवले का पाउडर भी इस दौरान सेवन में ले सकते हैं। 4 (चार) ग्राम या एक छोटी चम्मच तकरीबन आंवले के पाउडर का सेवन ही आपको इस दौरान करना है। 

कच्चे आंवले बाजार में आसानी से मिल जाते हैं लेकिन कई बार सहूलियत के लिए हम लोग आंवले का जूस पीना स्टार्ट कर देते हैं, लेकिन जो पैक्ड जूस होते हैं, उसमें प्रेज़रवेटिव होते हैं, शुगर की मात्रा होती है, तो इसलिए कोशिश करें कि घर पे ही आंवले का जूस निकाल के आप इसका सेवन करें या फिर डायरेक्ट आप आंवले का सेवन कर सकते हैं या फिर आप घर पे ही 5-10 मिली आंवले का जूस रोजाना घर पे निकाल के ही पी लेती है तो ये पर्याप्त होता है। 

पका के खाएं 

ध्यान रखिये आंवला पका के खाएंगे तो इससे आंवले की जितनी भी गुण होते हैं, पोस्टिक त्वत होते है वो सारे नष्ट हो जाते हैं। इसलिए आंवले को कभी भी उबाल के, इसको पका के इसका सेवन नहीं करना है। आप कच्चा या फिर इसका जूस निकाल के इसका सेवन कर सकते हैं या फिर भाप से पका हुआ आंवला भी खा सकते हैं, ये काफी ज्यादा गुणकारी होता है। 

आप आंवले को अचार, सलाद के रूप में भी खा सकती हैं तो इस तरीके से आप आंवले का सेवन कर सकते हैं इसके अलावा कई सब्जियों में जैसे कड़ी, सांभर में या फिर कोरमा अगर आप बना रहे हैं तो इन सभी व्यंजनों में आप आंवले का सेवन कर सकते हैं

अधिक खाने के नुक्सान 

ध्यान रखें अगर आप ज्यादा आंवले का सेवन करती हैं यानी कि एक दिन में दो से अधिक आंवले अगर आप खाते हैं तो आपको इस दौरान दस्त लग सकते हैं। आपको अपच हो सकती है और साथ ही आपको डिहाइड्रेशन का खतरा इस दौरान बन जाता है। आंवला ठंडी प्रवृत्ति का होता है, ठंडी तासीर का होता है तो इसलिए अगर आपको सर्दी, खांसी, जुकाम लगा है तो ऐसे में आप आंवले का सेवन ना करें

उम्मीद है आपको आंवले से सम्बंधित हमारा ये लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक होगा। ऐसे ही प्रेगनेंसी सम्बंधित लेख के लिए हमारे पेज को सब्सक्राइब करें, धन्यवाद

Indian Gooseberry During Pregnancy

Pregnancy mein amla khanne se kya hota hai

Kya Garbhavastha me amla khana chahiye ya nahi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *