प्रेगनेंसी

प्रेगनेंसी में सीढ़ियां चढ़ना उतरना कब बंद कर देना चाहिए | Climbing Stairs During Pregnancy

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गर्भधारण करने के बाद, खान-पान के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं कुछ और विशेष बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है.  गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां चढ़ना भी इन्हीं में से एक बहुत जरूरी चीज है। जो महिलाएं बहु मंजिला घरों में रहती हैं, यह समस्या उन महिलाओं के साथ अधिक हो जाती है। 

 गर्भावस्था के शुरुवाती समय में शरीर संतुलित होता है। सब कुछ संतुलित रहता है। लेकिन जैसे-जैसे गर्भवती महिला का वजन बढ़ता है, बच्चे का वजन बढ़ता है, गर्भ आकार लेने लगता है और महिला का वजन बहुत अधिक होने लगता है, तो ऐसी स्थिति में महिलाएं  असंतुलित होने लगती हैं। जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को सीढ़ियां चढ़ते और उतरते समय गिरने का खतरा होता है।

गर्भावस्था में गिरना या फिसलना आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक हो सकता है । गर्भपात जैसी संभावना भी बन सकती है, तो यह महिलाओं के लिए एक बड़ा खतरा बन जाता है।गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां कब चढ़नी चाहिए?

क्या सीढ़ियां चढ़ना सुरक्षित है

यह कब सुरक्षित है? कब नहीं है? 

तो जो गर्भवती महिलाएं बहुल मंजिली इमारतों में रहती हैं या फिर घर के किसी भी काम के लिए छत में जाना होता है, तो ऐसे में सीढ़ियों का सहारा तो चाहिए ही होता है। लेकिन घर के बड़े बुजुर्ग ये भी कहते हैं कि आपको इस दौरान ज्यादा सीढ़ियां चढ़ना, उतरना नहीं है। तो  सबसे पहले तो आपको बता देती हूँ कि सीढ़ियां चढ़ना और उतरना एक शारीरिक श्रम है, जो कि प्रेगनेंसी के दौरान आपको करनी ही चाहिए। 

पहले और दुसरे ट्रिमस्टर में

प्रेगनेंसी की शुरूआती दौर की बात की जाए तो इस दौरान भ्र्रूण बहुत ज्यादा छोटा आपके गर्भ में होता है। अगर आपकी प्रेगनेंसी एक स्वस्थ प्रेगनेंसी है आपको किसी तरीके की समस्या नहीं है, ना आपको ब्लीडिंग  की समस्या है,  ना उच्च रक्तचाप,  लो बीपी या फिर मधुमेह  की समस्या नहीं है ऐसे में आपको सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में कोई परेशानी नहीं होती है. आप आराम से सीढ़ी चढ़ उतर सकते हैं लेकिन अगर आपके साथ ये जटिलताएं बनी हुई है तो आपको ऐसे में सावधानी रखनी है।गर्भ में शिशु इस दौरान लचीला काफी होता है, अगर आप कहीं फिसल जाती है तो आपको ऐसे में दिक्कत हो सकती है,  गर्भपात का खतरा बन सकता है। तो आपको इस दौरान सीढ़ियां चढ़नी उतरनी तो है,  लेकिन आपको सावधानी से सीढ़ियां चढ़नी उतरनी है। सीढ़ियों में रेलिंग का सपोर्ट लेना है और दूसरा हाथ आपको अपने पेट पर लगा के रखना है ताकि आपका पेट ज्यादा हिले -डुले नहीं

 ठीक ऐसे ही प्रेगनेंसी का जब दूसरा तिमाही शुरू हो जाता है उस दौरान भी आपको यही सारी सावधानियां रखनी है।

तीसरे ट्राइमेस्टर में

 अब अंतिम दौर बात करें यानी की तीसरा तिमाही जब आपका 7,8, और 9 महीना होता है । इस समय आपका गर्भ बढ़ने लग जाता है, विकास आपके बच्चे का तेजी से होता है, उसका वजन तेजी से बढ़ने लग जाता है। ऐसे में आपको सांस की दिक्कत हो जाती है क्योंकि बच्चा गर्भ में अतिरिक्त जगह लेता है ऐसे में आपको गहरी-गहरी सांसे आती हैं, सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। अगर आप इस सीढियां चढ़ेंगी, उतरेंगी तो आपको सांस की दिक्कत हो सकती है।

आपको सांस फूलना हो सकता है और ये जो है कहीं ना कहीं दमा का रोग भी आगे ले सकता है। आपके शरीर का बैलेंस खो जाता है, तो ऐसे में आपके गिरने के संभावनाएं बहुत ज्यादा हो जाती हैं।कई बार तो आपके हाथ-पैर डगमगाने लगते हैं, आपके पैर सही जगह पर नहीं पड़ते हैं, तो ऐसे में गिरने के संभावनाएं बहुत ज्यादा हो जाती  हैं। तो प्रेगनेंसी का जो सातवां और आठवां महीना होता है, इसमें आपको बहुत ज्यादा संभल के चलना पड़ता है, इस दौरान सीढ़ियां चढ़ना उतरना आपको नहीं करना चाहिए। 

इस महीने ख़ास सावधानी रखें

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में ज्यादा अगर सीढ़ियां चढ़ेंगी तो आपको हो सकता है कि आपकी समय पूर्व डिलीवरी के योग बन जाएं  और आठवें महीने में ऐसा कहा जाता है कि डिलीवरी  होना ठीक नहीं मानी जाती है। ऐसा बड़े बुजुर्गों का मानना है कि आठवें महीने में जो बच्चे होते हैं उनको कहीं ना कहीं भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ रहती हैं। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है लेकिन ऐसा बड़े बुजुर्ग कहते हैं

अगर आपको सीढ़ी  चढ़ना उतरना पड़ भी गया तो आपको इस चीज का ध्यान रखना है कि रेलिंग आपको अच्छे से पकड़नी है।  बिना रेलिंग वाली सीढ़ी है तो किसी के सहारे के साथ आपको चढ़ना उतरना है।   एक हाथ रेलिंग में लगाइए एक हाथ आपको अपने गर्भ में नीचे की ओर से लगाना है ताकि आप अपने पेट को संतुलित कर सकें।

अगर आपको सीढ़ी  चढ़ना उतरना पड़ भी गया तो आपको इस चीज का ध्यान रखना है कि रेलिंग आपको अच्छे से पकड़नी है।  बिना रेलिंग वाली सीढ़ी है तो किसी के सहारे के साथ आपको चढ़ना उतरना है।   एक हाथ रेलिंग में लगाइए एक हाथ आपको अपने गर्भ में नीचे की ओर से लगाना है ताकि आप अपने पेट को संतुलित कर सकें।

9वें महीने में

प्रेगनेंसी के सैंतीस हफ्ते के बाद की तो आपका शिशु नीचे की ओर शिफ्ट  होने लगता है आपके पेल्विस एरिया  में आने लग जाता है। डिलीवरी का समय भी निकट आ रहा होता है तो ऐसे में जब ये चीज होती है तो उस समय महिलाओं को साँस लेने में अधिक दिक्कत नहीं होती है क्योंकि शिशु  नीचे की ओर खिसकने लग जाता है। आपके जो दबे हुए अंग होते हैं वो कहीं ना कहीं अपनी जगह पर आना शुरू कर रहे होते हैं। तो ऐसे में महिलाओं को सांस संबंधी जो समस्याएँ होती हैं वो धीरे-धीरे होने लग जाती है।  तो आप pregnancy के नौवें महीने में सीढ़ियां चढ़ उतर सकते हैं, कोई दिक्कत नहीं है। डिलीवरी का समय भी जैसा जैसे  निकट आता है तो आपको खूब चलना है। सीढ़ियां चढ़ना उतरना इस दौरान अच्छा माना जाता है ताकि आपकी बॉडी एक्टिव रहे।  इससे आपकी नार्मल डिलीवरी 

 होने के योग काफी ज्यादा बन जाते हैं।  नौवें महीने में आपको सीढ़ियां उतरना करना है लेकिन आपको बहुत ज्यादा सावधानियां भी इस दौरान रखनी है क्योंकि ये आपकी और आपके गर्भस्थ शिशु की बात है।  

आशा जरते हैं यह लेख आपको ज्ञानवर्धक लगा होगा। आप हमको कमेंट में लिख कर अपने सुझाव , सवाल , पसंद, नापसंद बता सकते है।इस लेख को शेयर करें।  आपका बहुत बहुत धन्यवाद।  

 

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