Seasonalप्रेगनेंसी

प्रेगनेंसी में फूलगोभी – गर्भ में शिशु के लिए फायदेमंद है या नहीं

Share for who you care
Read this article in english

गर्भावस्था के दौरान खान-पान को लेकर महिला का भ्रमित होना स्वाभाविक है। इस दौरान आपको कुछ चीजों से बचना चाहिए, लेकिन प्रेगनेंसी में कुछ चीजें आपके लिए वरदान की तरह होती हैं। गर्भवती महिला के आहार और गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में सीधा संबंध होता है।

आइए समझते हैं कि गर्भावस्था में फूलगोभी खाना कैसा है। प्रेगनेंसी में फूलगोभी खाएं या न खाएं, इसके क्या फायदे हैं, क्या नुकसान हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

फूलगोभी में कई पोषक तत्व होते हैं जो गर्भावस्था के दौरान जरूरी होते हैं। इसमें विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं के कमजोर हो रहे इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए जरूरी होता है।

फोलेट का अच्छा स्रोत

यह फोलेट का भी अच्छा स्रोत है। फोलेट एक प्रकार का विटामिन है जिसकी पहली तिमाही के दौरान बच्चे के प्रारंभिक विकास के समय अत्यधिक आवश्यकता होती है। फोलिक एसिड बच्चे में जन्म दोष को कम करने में मदद करता है और न्यूरल ट्यूब विकारों को दूर रखता है। गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए भी फोलेट की जरूरत होती है।

प्राकृतिक रक्त शोधक

फोलेट और विटामिन-सी दोनों ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं जो खून को साफ रखते हैं। इसलिए फूलगोभी प्राकृतिक रक्त शोधक के रूप में कार्य करती है। और यह गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर महसूस होने वाली थकान को भी कम करता है।

बच्चे की हड्डियों और कोशिका निर्माण

फूलगोभी में विटामिन-K , आयरन, फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और फास्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो बच्चे की कोशिकाओं और हड्डियों के लिए बहुत अच्छा होता है।

पैर की ऐंठन कम करता है

फूलगोभी में पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और फॉस्फोरस की अच्छी मात्रा होती है। ये गर्भ में पल रहे बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसके अलावा ये रात को सोते समय शरीर और अचानक पैर में ऐंठन जैसी समस्याओं को कम करने में भी मदद करते हैं।

वजन प्रबंधन में मदद करता है

फूलगोभी में कैलोरी की मात्रा कम होने के कारण यह आपके शरीर में फैट जमा नहीं कर पाता है और आपका वजन कंट्रोल में रहता है।

बीपी को नियंत्रित करता है

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में होने वाले रक्तचाप के उतार-चढ़ाव को भी फूलगोभी खाने से नियंत्रित किया जा सकता है।

यूटीआई को रोकने में मदद करता है

जब आप फूलगोभी खाते हैं तो पेशाब में जलन, यूरिन इन्फेक्शन और खुजली जैसी पेशाब संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

थायराइड लेवल को मेंटेन रखता है

इसमें पाया जाने वाला तत्व सेलेनियम आपके इम्यून सिस्टम को भी दुरुस्त रखता है और आपका थायराइड लेवल भी कंट्रोल में रहता है।

फूलगोभी खाने से पहले सावधानियां

  • जिन महिलाओं को गठिया, गुर्दे की पथरी और यूरिक एसिड जैसी समस्या है उन्हें फूलगोभी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि फूलगोभी में प्यूरीन होता है जो आपकी समस्‍याओं को बढ़ा सकता है।
  • पत्तागोभी पकाने से पहले उसे ध्यान से देखते हुए काट लें और फिर अच्छे से धो लें। इसके बाद इसे हल्दी के साथ गुनगुने पानी में कुछ देर के लिए छोड़ दें ताकि इसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और कीटनाशक दूर हो जाएं।
  • साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको कभी भी कच्ची फूलगोभी नहीं खानी चाहिए
    नहीं तो आपको पेट में इंफेक्शन हो सकता है।
  • फूलगोभी सीमित मात्रा में खाएं क्योंकि अधिक फूलगोभी खाने से आपको कब्ज और पेट फूलने की शिकायत भी हो सकती है।

 

आशा है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो इस आर्टिकल को शेयर करना न भूलें और garbhgyan.com को सब्सक्राइब करें। धन्यवाद्।

 

Benefits of eating cauliflower in pregnancy

Can pregnant woman eat cauliflower

cauliflower during pregnancy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *