नवजात शिशु कि देखभाल कैसे करें | Newborn Baby Care Tips
महिलाओं को गर्भ में ही पल रहे बच्चे के विकास की चिंता सताने लगती है, लेकिन जब आपकी डिलीवरी हो जाती है बच्चा आपकी गोद में आता है तो इसके बाद आपको अपने नवजात शिशु की और भी ज्यादा चिंता होने लगती है। इसलिए किसी भी जोड़े के लिए जो नए माता-पिता बने हों, यह समझना बहुत जरूरी है कि आपको नवजात शिशु के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इस लेख में हम आपको बताएँगे की नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें।
तो आप भी जानकारी का लाभ उठाकर अपने नवजात शिशु की अच्छी देखभाल कर सकती हैं।
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बच्चे की मालिश अवश्य करें
भारत में बेबी मसाज कोई नया चलन नहीं है। बच्चों की मालिश करना बहुत जरूरी है। बच्चे के जन्म के 15 दिन के बाद ही आप बच्चे की मालिश करना शुरू कर सकती हैं।
अगर आप सर्दियों में बच्चे की मालिश कर रही हैं तो सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप मालिश गर्मियों में कर रहे हैं तो इसके लिए आप नारियल तेल या बादाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों की मालिश बहुत हल्के हाथों से की जाए। बच्चों को ज्यादा रगड़ कर मालिश नहीं करनी चाहिए। बेहतर होगा कि नहाने से ठीक पहले बच्चों की मालिश की जाए। इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे को दूध पिलाने के बाद शिशु की मालिश न करे।
बच्चों को ध्यान से नहलाएं
इस बात का ध्यान रखें कि आपको बच्चे को ज्यादा देर तक नहीं नहलाना चाहिए, ऐसे में उसकी त्वचा रूखी हो सकती है। नवजात शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है और आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि पानी ज्यादा गर्म न हो, आप चाहें तो बच्चे को एक दिन छोड़ के नहला सकती हैं। एक दिन बच्चे के शरीर को स्पंज कर सकती है और अगले दिन नहला सकती हैं। इस बात का ख्याल रहे की बच्चे की आंखों में पानी न जाए। इस पर बात पर बारीकी से ध्यान दें।
याद रखें की अगर आप बच्चों को रोजाना नहलाएंगे या एक दिन छोड़ के नहलाते है तो इससे बच्चों का शारीरिक विकास बहुत अच्छा होता है।
बच्चों को कैसे सुलाएं
याद रखें कि बच्चे उतनी ही गर्मी महसूस करते हैं जितनी आप महसूस करते हैं, इसलिए बच्चों को बहुत अधिक कपड़े न पहनाएं, ताकि रात में बच्चा असहज महसूस करे और अच्छी नींद ले सके। सुनिश्चित करें कि आप बच्चे को ओवरड्रेस न करें
क्योंकि ज्यादा गर्मी कहीं न कहीं बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है।
अगर बच्चा रोए तो घबराएं नहीं
जब बच्चा ज्यादा नहीं हो रहा हो, थोड़ा बहुत ही रो रहा हो तो ऐसे आप बहुत ज्यादा चिंता न करे, उसके रोने का मतलब यह नहीं है कि वह मुसीबत में है या आप उसके साथ कुछ गलत कर रहे हैं या आप उसकी अच्छी देखभाल नहीं कर रहे हैं। इसका मतलब है कि यह उनका आपसे बात करने का तरीका है, इसलिए अगर बच्चा रोता है, तो उसमें तब तक ज्यादा परेशान न हों जब तक कि बच्चा काफी देर तक न रोए।
कपड़ों का चुनाव
बच्चों को अंदर से बनियान जरूर पहनाये, ताकि बच्चे का पेट अच्छे से ढका रहे और पेट में हवा न लगे, बनियान न पहनने पर आपके बच्चे को कहीं न कहीं ठंड लग सकती है। और इससे बच्चे के पेट में दर्द हो सकता है तो इस बात पर जरूर ध्यान दें।
जब भी आप नवजात शिशु के लिए कपड़े खरीद रहे हों तो इस बात का ध्यान रखें कि जो कपड़े हों वो बहुत ही मुलायम हों और कोशिश करें कि आप बच्चे के लिए मुलायम सूती कपड़े ही इस्तेमाल करें।
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