प्रेग्नेंसी में बार-बार पेशाब आये तो क्या करें | How to deal with frequent urination problem in pregnancy
गर्भधारण के बाद से ही महिलाओं को बहुत सी छोटी मोती समस्याएं घेरने लगती है जिनसे वो परेशान तो होती ही है और साथ ही कुछ समस्याओं में चिंतित होना भी स्वाभाविक है, हालाँकि प्रेगनेंसी के ये समस्याएं बहुत आम होती है लेकिन ये महिलाओं को दिनभर में असहज महसूस कराती है। इन्हीं में से एक समस्या है बार बार पेशाब का आना, और इस समस्या से महिलाओं का अधिकांश दिन टॉयलेट में निकल जाता है और वो बहुत अधिक परेशान हो जाती है, तो इसमें आपको बहुत ज्यादा घबराना नहीं है ये प्रेगनेंसी के दौरान होना बहुत आम है।
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प्रेग्नेंसी में बार-बार पेशाब आने के कारण
- बार-बार पेशाब आने की ये समस्या ज्यादातर प्रेगनेंसी के पहले तिमाही और अंतिम तिमाही में महिलाओं को घेरती है। प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में महिलाओं में प्रेगनेंसी हार्मोन एचसीजी (HCG) का स्तर काफी बढ़ जाता है और यही हार्मोन बार बार पेशाब आने की समस्या के लिए जिम्मेदार होता है क्योंकि ये महिला की किडनी में खून के प्रवाह को बहुत अधिक बढ़ा देता है और महिला को सामान्य से ज्यादा पेशाब आना जैसा महसूस होता है, और जैसे जैसे प्रेगनेंसी आगे बढ़ती है दूसरा तिमाही लगता है तो ये समस्या धीरे धीरे कम भी होने लगती है
- गर्भवती महिलाओं की प्रेगनेंसी जैसे ही तीसरी तिमाही चरण में पहुँचती है तो इस दौरान गर्भ में शिशु का वजन और अकार दोनों बढ़ने लगता है और ऐसे में महिला के मूत्राशय में दबाव पड़ने की वजह से भी महिला को हर 5- 10 मिनट में बार बार पेशाब आने जैसा महसूस होता है
- जिन महिलाओं को इस दौरान मूत्र पथ में संक्रमण (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन -UTI) की दिक्कत हो जाती है तो इस संक्रमण होने के कारण भी बार-बार पेशाब महसूस होती है।
- अगर गर्भ में एक से अधिक शिशु हैं यानि की आपकी जुड़वाँ बच्चे गर्भ में हों तो ऐसी महिलाओं को भी ये समस्या प्रेगनेंसी के चौथे महीने से होने लगती है।
तो ये कुछ खास कारण है बार बार पेशाब आने के, अब आगे जानते हैं कि
किन उपायों को अपनाकर इससे राहत पाई जा सकती है।Also Read : गर्भावस्था के दौरान पेशाब के रंग में बदलाव का क्या मतलब है |Urine Color Change in Pregnancy
आगे झुककर पेशाब करें
अगर ये समस्या आपको लगातार बानी है तो आप जब भी पेशाब जाएँ तो आगे झुक के पेशाब करें। इस दौरान मूत्राशय पूरी तरह से खाली न होने पर बार-बार पेशाब जाना पड़ता है। झुक के पेशाब करने से ब्लैडर पे दबाव पड़ता है और आपका झुककर पेशाब करने से ब्लैडर पूरी तरह खाली हो जाता है और इतना ही नहीं पेट भी हल्का महसूस होता है और आपको बार-बार पेशाब महसूस नहीं होता है।
सोते वक़्त कम पानी पियें
पेशाब आने की समस्या रात के समय अधिक होती है जिस वजह से रात को जग जग के महिलों को पेशाब जाना पड़ता है ऐसे में महिलाओं की नींद भी पूरी नहीं हो पाती है और इस वजह से दिनभर आलस में अगला दिन निकल जाता है तो इससे बचने के लिए सोने से कुछ घंटे पहले पानी या किसी अन्य तरल पदार्थ का सेवन न करें। साथ ही बिस्तर पर जाने से पहले एक बार जरूर पेशाब कर लें। इससे आपको रात में बार-बार पेशाब महसूस नहीं होगी।
कैफीन का सेवन
प्रेग्नेंसी के दौरान कैफीन जैसे पेय पदार्थ वैसे ही गर्भवस्था में आपको दिक्कत दे सकते है और बता दूँ की ये इसमें मूत्रवर्धक प्रभाव होता है तो अगर आप कैफीन का सेवन करेंगी तो बार बार पेशाब आने की समस्या बढ़ सकती है इसके अलावा चॉकलेट,चाय, सॉफ्ट ड्रिंक और एल्कोहल का सेवन करने से भी बचना चाहिए। क्यूंकि इन पेय पदार्थों से भी बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इनका या तो सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए या पूरी तरह परहेज करना चाहिए।
क्रेनबेरी जूस का सेवन
बार-बार पेशाब आने का करना गर्भवती महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) भी होता है ऐसे में इस संक्रमण से राहत पाने के लिए क्रेनबेरी यानि करोंदे का जूस आप ले सकते है क्यूंकि ये आपके मूत्रमार्ग में संक्रमण की समस्या से बचाव करता है। आप एक बार अपने डॉक्टर की सलाह पर इस समस्या के लिए क्रेनबेरी जूस ले सकती है तो आपको फायदा मिलेगा।
कीगल एक्सरसाइज
गर्भावस्था के दौरान व्यायाम बहुत उपयोगी होता है जो आपकी बहुत सी समस्याओं को निबटाने में मदद करता है ऐसे में नियमित कीगल एक्सरसाइज फायदेमंद हो सकती है जिससे आपकी पेल्विक मांसपेशियां मजबूत होती हैं और इससे पेशाब को नियंत्रित में काफी आसानी होती है। आपको रोजाना दिनभर में तीन बार ये एक्सरसाइज करें जिसमे आपको अपनी मांसपेशियों को 15 सेकंड तक सिकोड़कर रखना है और फिर ढीला छोड़ देना है और एक बार में आप इससे कम से कम 15 से 20 बार करें। इससे बार-बार पेशाब आने की समस्या कम हो जाएगी।
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प्रेगनेंसी में बार-बार पेशाब आना बहुत सामान्य समस्या है तो ऐसे में ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
आपको सिर्फ बताये गए उपायों को करना है जिससे काफी हद तक आपको इस समस्या से राहत मिल सकती है। अगर आपको फिर में अधिक दिक्कत हो रही है तो एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें।
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