29 अक्टूबर 2023 चंद्र ग्रहण – ग्रहण के दौरान प्रेगनेंसी में क्या बातें पहले से पता हों
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29 अक्टूबर 2023 चंद्र ग्रहण
वर्ष 2023 में 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण देखा जायेगा। दोनों ग्रहणों के उपाय लगभग एक समान होते हैं. नौ महीने यदि एक माँ अपने गर्भ में पल रहे बच्चे का ख्याल इतनी सावधानी से रख सकती है तो ग्रहण काल के दौरान कुछ घंटे का उपाय करने में कोई नुकसान नहीं होना चाहिए. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और क्या उपाय करने चाहिए?
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चंद्र ग्रहण 28 – 29 अक्टूबर 2023 को लगेगा
यह ग्रहण 28 अक्टूबर को रात 11 बजकर 31 (11:31 PM)मिनट से शुरू होगा और 29 अक्टूबर सुबह 03 बजकर 37(03:37 AM) मिनट तक समाप्त होगा
क्यों रखें सावधानियां
चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों ही अपने बुरे प्रभाव के लिए जाने जाते हैं. ना केवल शास्त्रीय दृष्टि से बल्कि विज्ञान ने भी ग्रहण की वजह से होने वाले दुष्प्रभाव को माना है. क्योंकि ग्रहण के दौरान निकलने वाली दूषित तरंग हमें हानि पहुँचा सकती है. ग्रहण काल के दौरान सबसे ज्यादा सावधानियां गर्भवती महिलाओं को रखनी चाहिए. क्योंकि इस दौरान वे सबसे ज्यादा संवेदनशील होती है.
इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव वायुमंडल में सबसे अधिक होता है. मान्यता के अनुसार ग्रहण का असर पूरे एक सौ आठ -108 दिन तक रहता है. जिसका असर गर्भवती महिला के होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है.
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ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को क्या क्या नहीं करना चाहिए
नग्न आँखों से ग्रहण को नहीं देखना चाहिए
गर्भवती महिलाओं को नग्न आँखों से ग्रहण को नहीं देखना चाहिए. इससे होने वाले बच्चे की आँखों पे असर पड़ता है.इस दौरान बाहर भी नहीं निकलना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि अगर गर्भवती महिला ग्रहण देख लेती है तो उसका सीधा असर उसके होने वाले शिशु की शारीरिक एवं मानसिक सेहत पर पड़ता है.
पानी नहीं पीना चाहिए
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को पानी नहीं पीना चाहिए. ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. क्योंकि मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौरान निकलने वाली हानिकारक किरणें खाद्य पदार्थों को दूषित कर देती है.
चाकू का प्रयोग ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए
गर्भवती महिलाओं को चाकू का प्रयोग ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए. क्योंकि मान्यता के अनुसार इसके प्रयोग से शिशु के अंग कट सकते हैं, साथ ही इस दौरान कैंची का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए. ग्रहण के दौरान सुई का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए. काला और कुंडी भी नहीं लगानी चाहिए.
झुकने वाला काम नहीं करना चाहिए
गर्भवती महिलाओं को कोई भी झुकने वाला काम नहीं करना चाहिए. ग्रहण काल के दौरान मन बुरे विचार नहीं लाने चाहिए. किसी के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए, ना ही अपशब्दों का प्रयोग करना चाहिए और ना ही किसी बच्चे को मारना या पीटना चाहिए.
सोना नहीं चाहिए
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए. कोशिश करें ऐसे स्थान पर रहें जहाँ ग्रहण की रोशनी ना आ रही हो.
भगवान की प्रतिमा को भी नहीं छूना चाहिए
ग्रहण के दौरान भगवान की प्रतिमा को भी नहीं छूना चाहिए, पूजा भी नहीं करनी चाहिए.
ग्रहण काल में मंदिर के दरवाजे बंद रखें।मंदिर में दरवाजे नहीं है तो साफ कपडे से मंदिर को ढक दे।
ग्रहण काल में क्या करें
तुलसी का उपयोग
तो ये तो बातें हुई ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या-क्या नहीं करना चाहिए. ग्रहण काल से पहले बने हुए भोजन में तुलसी के पत्ते या खुशा की खास डाल दें और इसी तरह पानी और दूध में भी ऐसा ही करें. तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होने के कारण ये ग्रहण की हानिकारक किरणों के प्रभाव को खत्म करती है.
गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पे तुलसी और गोबर का लेप लगाना चाहिए। ग्रहण काल में बाहर ना निकले और यदि कोई घर का सदस्य ग्रहण काल में घर से बाहर जाए तो उनकी सुरक्षा के लिए उनके साथ तुलसी का पत्ता अवश्य रखे।
मंत्र उच्चारण
ग्रहण काल के दौरान मंत्र उच्चारण करना चाहिए, आप गायत्री मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं, हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं.
कहते हैं कि चंद्र ग्रहण के समय किया हुआ मंत्र जाप एक लाख गुना अधिक लाभ देता है और इसी तरीके से सूर्य ग्रहण के समय किया गया मंत्र जाप दस लाख गुना लाभ देता है.
ध्यान है कि ये कार्य आप घर के मंदिर में ना करें।
गर्भवती महिला को स्नान अवश्य करना चाहिए
ग्रहण काल से पहले और बाद गर्भवती महिला को स्नान अवश्य करना चाहिए और कपडे बदल लेने चाहिए ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़क दें जिससे कि पूर्ण घर की शुद्धि हो जाए.
कोशिश करें कि आप ग्रहण के बाद ताजा बना हुआ भोजन करें।
तो इस तरीके से यदि गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल के दौरान इन सभी नियमों का पालन करती हैं तो ग्रहण के दौरान इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
ये ग्रहण क्या भारत में दिखेगा
यह चंद्र ग्रहण भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी दिखाई देगा और इसीलिए इसका सूतक भी मान्य होगा। सूतक ग्रहण के शुरुवाती समय से ठीक 9 घंटे पहले लग जायेगा।
यह चंद्र ग्रहण हिंद महासागर, अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, संपूर्ण एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी क्षेत्र, दक्षिणी प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
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